Tuesday, January 26, 2021

Simplification

 

सरलीकरण (Simplification)

किसी गणितीय व्यंजक को साधारण भिन्न या संख्यात्मक रूप में बदलने की प्रक्रिया ‘ सरलीकरण ’ कहलाती है । इसके अन्तर्गत गणितीय संक्रियाओं ; जैसे जोड़ , घटाव , गुणा , भाग आदि को BODMAS क्रम के आधार पर हल करते हुए दिए गए व्यंजक का मान प्राप्त किया जाता है ।

कोष्ठक चार प्रकार के होते हैं -

1 .  → रेखा कोष्ठक ( Line Bracket )

2 . ( ) → छोटा कोष्ठक ( Simple or Small Bracket )

3 . { } → मझला कोष्ठक ( Curly Bracket )

4 . [ ] → बड़ा कोष्ठक ( Square Bracket )

इनको इसी क्रम में सरल करते हैं ।

 यदि कोष्ठक के पहले ऋण चिह्न हो , तो सरल करने पर अन्दर के सभी चिह्न बदल जाते हैं ।

BODMAS का नियम

B → कोष्ठक ( Bracket ) रेखा कोष्ठक , छोटा कोष्ठक , मझला कोष्ठक , बड़ा कोष्ठक

O → का ( Of )

D → भाग ( Division )

M → गुणा ( Multiplication )

A → योग ( Addition )

S → अन्तर ( Subtraction )

उपरोक्त क्रम के अलावा व्यंजकों के सरलीकरण में विभिन्न बीजगणितीय सूत्रों का भी प्रयोग किया जाता है ।

सरलीकरण हेतु महत्वपूर्ण सर्वसमिकाएं

  • उभयनिष्ट गुणक

     c(a+b) = ca + cb

  • द्विपद का वर्ग

     (a+b)2 = a2 + 2ab + b2

    (a-b)2 = a2 - 2ab + b2

  • दो पदों के योग एवं अन्तर का गुणनफल (वर्गान्तर सूत्र)

     a2 - b2 = (a+b) (a-b)

  • अन्यान्य सर्वसमिकाएँ(घनों का योग व अंतर)

     a3 - b3 = (a-b) (a2 + ab + b2)

     a3 + b3 = (a+b) (a2 - ab + b2)

  • द्विपद का घन

     (a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3

     (a - b)3 = a3 - 3a2b + 3ab2 - b3

  • बहुपद का वर्ग

     (a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2bc + 2ca

  • दो द्विपदों का गुणन जिनमें एक समान पद हो

     (x + a )(x + b ) = x2 + (a + b )x + ab

  • गाउस (Gauss) की सर्वसमिका

    a3 + b3 + c3 - 3abc = (a+b+c) (a2 + b2 + c2 - ab -bc - ca)

  • लिगेन्द्र (Legendre) सर्वसमिका

     (a+b)2 + (a-b)2 = 2(a2 + b2)

     (a+b)2 - (a-b)2 = 4ab)

     (a+b)4 - (a-b)4 = 8ab(a2 + b2)

  • लाग्रेंज (Lagrange) की सर्वसमिका

     (a2 + b2)(x2 + y2) = (ax + by)2 + (ay - bx)2

     (a2 + b2 + c2) (x2 + y2 + z2) = (ax + by + cz)2 + (ay - bx)2 + (az - cx)2 + (bz - cy )2

H.C.F. and L.C.M.

 

महत्तम समापवर्तक एवं लघुत्तम समापवर्त्य (H.C.F. and L.C.M. )


महत्तम समापवर्तक - ‘ महत्तम समापवर्तक ’ वह अधिकता संख्या है , जो दी गई संख्याओं को पूर्णतया विभाजित करती है । जैसे - संख्याएँ 10 , 20 , 30 का महत्तम समापवर्तक 10 है ।

समापवर्तक ( Common Factor ) - ऐसी संख्या जो दो या दो से अधिक संख्याओं में से प्रत्येक को पूरी - पूरी विभाजित करें , जैसे - 10 , 20 , 30 का समापवर्तक 2 , 5 , 10 है ।

लघुत्तम समापवर्त्य - दो या दो से अधिक संख्याओं का ‘ लघुत्तम समापवर्त्य ’ वह छोटी - से - छोटी संख्या है , जो उन दी गई संख्या में से प्रत्येक से पूर्णतया विभाजित हो जाती है । जैसे - 3 , 5 , 6 का लघुतम समापवर्त्य 30 है , क्योंकि 30 को ये तीनों संख्याएँ क्रमशः विभाजित कर सकती हैं ।

समापवर्त्य ( Common Multiple ) - एक संख्या जो दो या दो से अधिक संख्याओं में । से प्रत्येक से पूरी - पूरी विभाजित होती हो , तो वह संख्या उन संख्याओं की समापवर्त्य कहलाती है , जैसे - 3 , 5 , 6 का समापवर्त्य 30 , 60 , 90 आदि हैं ।

अपवर्तक एवं अपवर्त्य ( Factor and Multiple ) - यदि एक संख्या m दूसरी संख्या n को पूरी - पूरी काटती है , तो m को n का अपवर्तक ( Factor ) तथा n को m का अपवर्त्य ( Multiple ) कहते हैं ।

  • महत्तम समापवर्तक ज्ञात करने की विधियाँ

1 . गुणनखण्ड विधि - इस विधि में दी गई सभी संख्याओं के रूढ़ गुणनखण्ड करते हैं । तथा जो संख्याएँ सभी में सर्वनिष्ठ हों उनका गुणा करते हैं ।

जैसे - 28 , 42 और 98 का म.स. -

28=2×2×7
42=2×3×7
98=2×7×7

28 , 42 और 98 का म स. = 2 × 7 = 14

2 . भाग विधि - इस विधि में दी गई संख्याओं में से सबसे छोटी संख्या से उससे बड़ी संख्या में भाग देते हैं , तत्पश्चात् बचे शेष से भाजक में भाग दिया जाता है और यह क्रिया तब तक करते हैं , जब तक शून्य शेष बचे , तब अन्तिम भाजक ही दी हुई संख्याओं का म.स. होगा यदि संख्या तीन हैं , तो प्राप्त म.स. तथा तीसरी संख्या के साथ यही क्रिया करते हैं । आगे इसी तरह करते जाते हैं |

जैसे - 36 , 54 , 81 का म.स. -
सर्वप्रथम 36 तथा 54 का म.स. इस विधि से निकालते हैं ।

36)54(1
36
18)36(2
36
×

अतः 36 तथा 54 का म.स. = 18

अब , 18 तथा 81 का म.स. निकालते हैं ।

18)81(4
72
9)18(2
18
×

अतः 36 , 54 तथा 81 का म.स. 9 है ।

  • लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करने की विधियाँ

1 . गुणनखण्ड विधि - दी हुई संख्याओं के अभाज्य गुणनखण्ड ज्ञात कर लेते हैं तथा गुणनखण्डों को घात से प्रदर्शित करते हैं , तत्पश्चात् अधिकतम घात वाली संख्याओं का गुणा करते हैं |

जैसे - 16 , 24 , 40 , 42 का ल.स. -

16 = 2 × 2 × 2 × 2 = 24
24 = 3 × 2 × 2 × 2 = 3 × 23
40 = 5 × 2 × 2 × 2 = 5 × 23
42 = 7 × 3 × 2 = 7 × 3 × 2

ल.स. = 24 × 3 × 5 × 7 = 16 × 105 = 1680

2 . भाग विधि - इस विधि को निम्न उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है ।

उदाहरणार्थ - 36 , 48 और 80 का ल . स . -

236 ,48 ,80
218 ,24 ,40
29 ,12 ,20
29 ,6 ,10
39 ,3 ,5
33 ,1 ,5
51 ,1 ,5
1 ,1 ,1

अतः 36 , 48 और 80 का ल . स . = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 3 × 5 = 720

इसमें संख्याओं को उभयनिष्ठ अभाज्य भाजकों द्वारा विभाजित किया जा सकता है तथा इस क्रिया की पुनरावृत्ति तब तक करते हैं जब तक शेषफल एक प्राप्त हो । इन अभाज्य भाजकों का गुणनफल ही अभीष्ट ल.स. होगा ।

  • दशमलव संख्याओं का ल . स . तथा म . स . निकालना

दी गई सभी दशमलव संख्याओं को परिमेय संख्या 
pq
के रूप में लिखते हैं तथा भिन्नों के आधार पर उनका ल.स. या म.स. ज्ञात करते हैं |
जैसे - 7 , 10.5 एवं 1.4 का म . स . -
अतः 7 = 
71
, 10.5 = 
10510
 , 1.4 = 
1410
म.स. = 
7 , 105 14 का म.स.1 , 10 , 10 का ल.स.
 = 
710
 = 0.7

  • भिन्नों का म.स.प. एवं ल.स.प.

भिन्नों का म.स.प. = 
अंशों का म.स.प.हरों का ल.स.प.
भिन्नों का ल.स.प. = 
अंशों का ल.स.प.हरों का म.स.प.

  • महत्त्वपूर्ण सूत्र

यदि किन्हीं संख्याओं में कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड न हो , तो उनका म.स. 1 तथा ल.स. उनका गुणनफल होता है ।

पहली संख्या × दूसरी संख्या = ल.स. × म.स.

 भिन्नों का म.स.प. = 
अंशों का म.स.प.हरों का ल.स.प.
 भिन्नों का ल.स.प. = 
अंशों का ल.स.प.हरों का म.स.प.

PERCENTAGE

 

प्रतिशत ( Percentage ) : Important Facts and Formulas

प्रतिशत - प्रतिशत का अर्थ ( प्रति + शत ) प्रत्येक सौ पर या 100 में से x प्रतिशत का अर्थ 100 में से x

x% = 
x100
 भिन्न 
xy
 को प्रतिशत में बदलने के लिए भिन्न को 100 से गुणा करते है ।
 किसी वस्तु का 
xy
 भाग = उस वस्तु का (
xy
) × 100

कुछ महत्वपूर्ण सूत्र

 x का y प्रतिशत = x × 
y100
 x , y का कितना प्रतिशत है = 
xy
 × 100
 y , x से कितना प्रतिशत अधिक है = 
y - xx
 × 100
 y , x से कितना प्रतिशत कम है = 
x - yx
 × 100
 प्रतिशत वृद्धि = 
वृद्धिप्रारंभिक मान
 × 100
 प्रतिशत कमी = 
कमीप्रारंभिक मान
 × 100
 x को R % बढ़ाने पर , x(1 +
R100
)प्राप्त होगा |
 x को R % घटाने पर , x(1 -
R100
)प्राप्त होगा |

अन्य महत्वपूर्ण सूत्र

 x में y % की वृद्धि होने पर नई संख्या ज्ञात करना = 
100 + y100
 × x
 यदि x का मान y से R% अधिक है तो y का मान x से R % में कम हैं
( 
R100 + R
 × 100) %
 यदि x का मान y से R% कम है तो y का मान x से R % में अधिक हैं
( 
R100 - R
 × 100) %
 किसी वस्तु के मूल्य में R% वृद्धि होने पर भी वस्तु पर कुल खर्च ना बढ़े इसके लिए
वस्तु की खपत में R% कमी = ( 
R100 + R
 × 100) %
 किसी वस्तु के मूल्य में R% कमी होने पर भी वस्तु पर कुल खर्च ना घटे इसके लिए
वस्तु की खपत में R% वृद्धि = ( 
R100 - R
 × 100) %
 यदि A = x × y तो x में m% परिवर्तन एवं y में n% परिवर्तन के कारण A में प्रतिशत परिवर्तन = m + n + 
mn100
 जहाँ वृद्धि के लिए + एवं कमी के लिए - चिन्ह का उपयोग किया जाएगा ।

जनसंख्या पर आधारित सूत्र

 माना किसी शहर की जनसंख्या x है तथा प्रतिवर्ष R% की दर से बढ़ती हैं तब
n वर्ष बाद जनसंख्या = x[1 + 
R100
]n
n वर्ष पूर्व जनसंख्या = 
x[1 + 
R100
]n

मशीनों के अवमूल्यन संबंधी

 यदि किसी वस्तु का वर्तमान मूल्य x है तथा इसके अवमूल्यन ( मूल्य कम होना ) की दर R% वार्षिक है तो =
1. n वर्ष बाद मशीन का मूल्य = p( 1 - 
R100
)n जहाँ वृद्धि के लिए + एवं कमी के लिए - चिन्ह का उपयोग किया जाएगा ।
2. n वर्ष पूर्व मशीन का मूल्य = 
p(1 + 
R100
)n

ALGEBRA & QUADRATIC EQUATIONS

कक्षा 10 गणित के लिए बीजगणित और द्विघात समीकरणों के सूत्र 

(a+b)= a+ b+ 2ab

(a-b)= a+ b– 2ab

(a+b) (a-b) = a– b2

(x + a)(x + b) = x2 + (a + b)x + ab

(x + a)(x – b) = x2 + (a – b)x – ab

(a + b)3 = a3 + b3 + 3ab(a + b)

(a – b)3 = a3 – b3 – 3ab(a – b)

(x – a)(x + b) = x2 + (b – a)x – ab

(x – a)(x – b) = x2 – (a + b)x + ab

(x + y + z)2 = x2 + y2 + z2 + 2xy + 2yz + 2xz

(x + y – z)2 = x2 + y2 + z2 + 2xy – 2yz – 2xz

(x – y + z)2 = x2 + y2 + z2 – 2xy – 2yz + 2xz

(x – y – z)2 = x2 + y2 + z2 – 2xy + 2yz – 2xz

x3 + y3 + z3 – 3xyz = (x + y + z)(x2 + y2 + z2 – xy – yz -xz)

x+ y2 =½ [(x + y)2 + (x – y)2]

(x + a) (x + b) (x + c) = x3 + (a + b +c)x2 + (ab + bc + ca)x + abc

x3 + y3= (x + y) (x2 – xy + y2)

x3 – y3 = (x – y) (x2 + xy + y2)

x2 + y2 + z2 -xy – yz – zx = ½ [(x-y)2 + (y-z)2 + (z-x)2]

Simplification

  सरलीकरण (Simplification) किसी गणितीय व्यंजक को साधारण भिन्न या संख्यात्मक रूप में बदलने की प्रक्रिया ‘  सरलीकरण  ’ कहलाती है । इसके अन्तर्...